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शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

आदर्शवाद का फायदा

Professor_3                                     Student_2

एक महिला शिक्षा अधिकारी ने शहर में फलफूल रहे कोचिंग व्यवसाय की वॉट लगा रखी थी । शहर की एक कोचिंग से किसी छात्रनेता का झगड़ा हो गया । उसने कोचिंग चलाने वालों के खिलाफ शिकायत कर दी । फिर एक महिला शिक्षा अधिकारी ने बहती गंगा में हाथ धोने लिये कोचिंग संस्थानों का मुआयना शुरू कर दिया ।


एक कोचिंग संस्थान में मुआयना हुआ तो पाया गया कि तय संख्या से ज्यादा विद्यार्थी वहां शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। शिक्षा के प्रति उनमें ऐसी नैसर्गिक भूख थी कि वे एक दूसरे की गोद में बैठ कर भी ज्ञान की एक एक बूंद चूस रहे थे । महिला अधिकारी ने उस कोचिंग को तुरंत सील कर दिया । दूसरी कोचिंग में जाने पर पता चला कि शिक्षक तो तीन-तीन थे पर शिक्षार्थी कुल मिला कर एक ही था । महिला अधिकारी ने हंस कर संचालक से कहा की आपकी कोचिंग तो आर्दश कोचिंग हैं । कम से कम यहाँ विद्यार्थी एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर तो विद्यार्जन नहीं कर रहे हैं । कोचिंग संचालक मजबूरी की हंसी हंसता हुआ बोला “मैडम अगर आप खुश हैं तो हमारी कोचिंग में कुछ एडमिशन ही करवा दें । कम से कम आदर्शवादी होने का कुछ तो फायदा मिले ।”

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