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शनिवार, 18 नवंबर 2017

युवराज पागल हो गया है

       रात के सवा एक बज रहे थे । इंदौर के फाईव स्टार होटल के झकास कमरे में, इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के युवा कप्तान केविन पिटर्सन स्काॅच के नशे  में  डूबे, पलंग पर लेटे थे और धीरे धीरे बड़बड़ा रहे थे । ”युवराज पागल हो गया है । भला ऐसे भी कोई क्रिकेट खेलता है । क्रिकेट न हुआ गोल्फ हो गया ।“
      मित्रों, केविन पिटर्सन ही नहीं पूरा इंग्लैंड ही इस समय युवराज से नाराज है । लिंटाॅफ को रह रह कर 2007 ट्वेन्टी-20 वल्र्ड कप का वह मैच याद आ रहा था । न जाने किस मनहूस घड़ी में लिंटाॅफ मियां युवराज से झगड़ा कर बैठे । उसके बाद हमारे जाट पुत्तर को जो गुस्सा आया कि इतिहास ही बना गया । स्टुअर्ट ब्राॅड के एक ओवर में छः छक्के । वो तो भला हो कि ब्राॅड ने कोई नो बाॅल नहीं फेंकी थी नहीं तो एक ओवर में सात छक्के का एकल विष्व रिकाॅर्ड युवी के नाम होता है । ”पहलवानी  करने का इतना ही षौक है तो किसी अखाड़े में जाकर कुष्ती लड़े, जेन्टलमैनों के गेम क्रिकेट में आकर ये ऐसे बल्ले भांजता है जैसे कोई पहलवान मुदगर भांजता हो ।“ लिंटाॅफ की सांसे तेज हो गईं थी युवराज के छक्के याद कर कर के ।
       स्टुअर्ट ब्राॅड के माथे पर एक ओवर में छः छक्के पिटवाने का जो कलंक लगा उसकी स्याही भी स्साली ऐसी पक्की थी कि रोज साबुन से रगड़ने के बाद भी मिटती नहीं थी । ”मेरे को क्यूं मारा । झगड़ा तो लिंटाॅफ ने किया था । उसी साले के ओवर में छक्के मारने थे । जो देखो कमजो़र को ही पीटता है । साला सांडों की लडाई में मैं बेवजह पिस गया । “ ब्राॅड को जो ज़ख्म डरबन में युवराज ने दिये थे उनको राजकोट और इंदौर के वनडे मैचों ने हरा कर दिया था ।
       इंग्लैंड की टीम के कोच पीटर मूर्स राजकोट के बाद इंदौर में युवराज द्वारा किये गये अपने गेंदबाजों के कत्लेआम से काफी नाखुष थे । पीटर को अंदेषा है कि किसी सिरफिरे ने युवराज को इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के कत्ल की सुपारी दे रखी है । वे उस इंसान का पता लगाने के लिए प्राईवेट डिटेक्टिव्स की सहायता लेना चाह रहे हैं ।
     ”भला इस तरह भी कोई गेंदबाजों की पिटाई करता है । कोई युवराज को समझाये कि हम लोग बरमूडा, हाॅलेण्ड, यू0ए0ई0, कनाडा के खिलाड़ी नहीं हैं । हराना है तो हरा दो यार । हार-जीत तो होती रहती है । लेकिन इतनी बेइज्ज़ती कर के नहीं हराना चाहिए । हमारी भी कुछ इज्ज़त है कि नहीं ? कुछ तो इंन्सानियत होनी चाहिए इन लोगों में ।“  होटल के बार के काउंटर पर एंडरसन व्हिस्की का गिलास खाली करते हुए हार्मिसन से बोल रहा था ।   
        सुबह सुबह नाष्ते में 10 आलू के पराठे और एक जग मीठी लस्सी पीने के बाद हरभजन सिंह ने युवराज का हाथ छू कर कहा ”ओय यूवी, तू इतना गुस्से में क्यों है ? जाने दे यार । माफ कर दे । पिटर्सन ने कल रात से खाना नहीं खाया है ।“
       युवराज ने ठंडे दूध-बदाम का दूसरा जग खाली किया और भज्जी की तरफ देख कर मुस्कुरा दिये फिर सवेरे के अखबार में छपी अपनी तस्वीर देखने लगे । 

       ( मित्रों, ये व्यंग्य उन लोगों के लिए लिखा गया है जो दिन भर पूरा का पूरा क्रिकेट मैच टी0वी0 पर देखने के बाद दूसरे दिन अखबार में उस मैच पर छपी सभी खबरों और टिप्पणियों को भी बड़े चाव से पढते हैं । उनके लिए क्रिकेट के रस का एक-एक कतरा पोलिए ड्रॅाप से भी ज्यादा कीमती होता है । कुछ भी छूटने न पाये । चलिये धोनी के आने बाद हमारी टीम जीत रही है । धोनी भाग्य के सिकंदर हैं और षातिर भी। लेकिन फिर ये भी डर बना रहता है कि इंडियन क्रिकेट टीम कब अपनी पुरानी वाली पर लौट आयेगी, भगवान ही जानता है । कभी अर्ष पर और कभी फर्ष पर, ये कहावत हमारी ही टीम को ध्यान में रखकर बनाई गई होगी । फिलहाल इंजॅाय कीजिए युवराज के रसीले छक्के ।)

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