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शनिवार, 18 नवंबर 2017

सानिया मिर्जा का निकाह : पार्ट टू ।

हनुमत जंयती के दिन भी हैदराबाद के बजरंग दल कार्यकर्ताओं को अपना फर्ज याद रहा और वो समय निकाल कर सानिया मिर्जा के घर के सामने प्रदर्शन कर आये । नसीहत दे आये । अपनी मुफ्त एडवाइस दे आये कि बहन कुछ तो शर्म करो । जब अमेरिका के इतने समझाने के बावजूद भी हम पाकिस्तान से वार्ता नहीं कर रहे हैं तो तुम मामले को इतना पर्सनली क्यों ले रही हो । निगोड़े पाकिस्तान से सम्बन्ध अच्छे बनाने के लिये तुम क्यों अपने आप को कुर्बान कर रही हो । जिन पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल में 20-20 खेलने के लायक नहीं समझा गया उनसे तुम जिंदगी का टेस्ट मैच खेलने की तैयारी कर रही हो । फिर ये भी तो देखो पाकिस्तान रहेगा तो पाकिस्तान ही । दुश्मन मुल्क । कुछ टेनिस मैच हारने से तुम्हारे दिमाग को धक्का लगा है । तुम्हें आराम की जरूरत है न कि ऐसे फालतू डिसीजन लेकर देश भर के युवकों की नींद हराम करने की । यहाँ तुम्हारी मिनी स्कर्ट पर एक बार फतवा जारी हुआ था तो उसका हम सभी ने तहे दिल से विरोध किया था, पाकिस्तान तो फतवों का देश है, वहाँ क्या बुर्के में टेनिस खेलोगी । वगैरह, वगैरह । तो मित्रों, सही बतायें इस घबर से करोड़ों भारतीय दिलों को धक्का लगा था लेकिन असली मर्द तो बजरंगदल वाले निकले जो कम से कम अपना विरोध तो दर्ज करा आये ।

जब बजरंगी भाई लोग सानिया के घर के बाहर इस राष्ट्रीय मुद्दे पर खुले आम अपनी बात रख रहे थे तभी तमाम पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया और उनमें से जो सबसे कर्मठ, अनुभवी कार्यकर्ता दिख रहा था उसको घेर कर प्रश्न पूछने लगे ।

पत्रकार : आप लोगों ने आज कैसे टाईम निकाला ? आज तो हनुमत जयंती है ।

कार्यकर्ता : हम लोग सवेरे ही हनुमान जी को मत्था टेक, सवा किलो मोतीचूर चढ़ाकर कर आये हैं । शाम को फिर आरती में शामिल होंगे । दिन के समय अपने काम पर निकले हैं । कर्म ही धर्म है । कर्म से बजरंगदली कभी पीछा नहीं हटता है ।

पत्रकार : आप लोग तो हनुमान जी के भक्त है फिर सानिया मिर्जा की शादी में क्यों बाधा डाल रहे हैं ?

कार्यकर्ता : हम बाधा नहीं डाल रहे हैं । त्रेतायुग में हनुमान जी ने सीता माता के अपहरण का दण्ड देने के लिये दुष्ट रावण की लंका जला डाली थी । आज माँ सीता के देश में लड़कियाँ खुद ही वीजा लेकर रावण के देश जाना चाहती हैं । हम तो सिर्फ अपना फर्ज समझ कर समझाने की कोशिश भर कर रहे हैं ।

पत्रकार : ये कैसा कर्म है ? कोई अपनी मर्जी से शादी भी नहीं कर सकता है ।

कार्यकर्ता : हम शादी के खिलाफ नहीं है । यहाँ तक की बजरंगदली भी शादी करते हैं, बस हम लोग मंगलवार को शादी नहीं करते हैं । रही सानिया मिर्जा की पाकिस्तानी क्रिकेटर से शादी की बात तो हम इसका विरोध करते हैं । पाकिस्तान हमारे यहाँ रोज बम विस्फोट करता है । आतंकवादी भेजता है । मुबंई काण्ड के बाद से तो हमारे रिश्ते वैसे भी पाकिस्तान से खराब चल रहे हैं । जब किसी स्तर पर कोई वार्ता नहीं हो रही है तब ऐसे में दुश्मन मुल्क से शादी ब्याह के रिश्ते बनाना कौन सी समझदारी की बात है । फिर शादी ही करनी है तो भारत में कौन सी दूल्हों की कमी पड़ी है । इमरान खान (आमिर खान का भतीजा) से लेकर इरफान खान तक तमाम कुंवारे लड़के खड़े-खड़े सूखे जा रहे हैं । किसी को भी रिश्ता भेज सकते थे । देश की खातिर तो हम भी दूसरी शादी कर सकते हैं ।

पत्रकार : क्या आपको इस शादी में किसी षडयंत्र की बू आती है ?
कार्यकर्ता : अगर कोई षडयंत्र होगा तो उसकी बू सुरेश चिपलूनकर जी कब की सूंघ चुके होंगे । इसके बारे में विस्तार से जानकरी के लिये उनका ब्लॉग वॉच करिये । वैसे एक प्रतिबंधित क्रिकेटर से शादी करना कोई समझदारी की बात नहीं है । सानिया का नाम इससे पहले शोएब से कभी जोड़ा भी नहीं गया । दाल में कुछ न कुछ तो काला जरूर है ।

मित्रों इस प्रश्नवार्ता के बाद चुपके से पत्रकार ने एक टिटहरी से बजरंगदलिये से जो कि भीड़ में सबसे पीछे गुटखा कर इधर उधर पिच-पिच करता खड़ा था एक बड़ा ही व्यवसायिक सवाल पूछ डाला कि क्या इस प्रदर्शन के लिये किसी ने आपको चंदा वगैरह दिया था । इस पर वह बजरंगदली रहस्यमयी मुस्कान मुस्काते हुआ बोला ”बड़े काईयां पत्रकार हो यार तुम तो । देशहित में हम कड़ी धूप में जान हल्कान किये जा रहे हैं और आप इसमें भी धंधे की बात सोच रहे हो । अब जब पूछ ही लिया है तो नाम न छापो तो हम बताये देते हैं । इस प्रदर्शन के लिये हमको सानिया के एक्स मंगेतर सोहराब मिर्जा ने पैसे दिये थे । हालांकि मामला इतना सेंसिटिव है कि हम देश भर के पीड़ित युवकों की खातिर वैसे ही सानिया के घर पर प्रदर्शन करने जा रहे थे लेकिन जब प्रदर्शन के लिये फाइनेंसर उपलब्ध हो जाये तो हम उसकी भावनाओं की भी कद्र करते हैं ।”

तो मित्रों ये थी कुल कहानी हनुमत जयंती के दिन सानिया मिर्जा के घर प्रदर्शन करने वाले बजरंगदलियों की ।

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