काम ऐसे करो कि लोग आपको….

किसी दूसरे काम के लिए बोले ही नहीं….

शनिवार, 18 नवंबर 2017

उलटे सीधे सर्वे

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अभी मैं सुबह-सुबह उठकर नित्य क्रिया से निबट कर, दरवाजे पर खड़ा दांत मांज रहा था और प्रातःस्मरणीय अपने पेपर वाले श्रीमान सोनेलाल जी का इंतजार कर ही रहा था कि मेरे चिर पड़ोसी श्री मनसुख लाल गुप्ता जी मुस्कुराते हुए मेरे सामने आ खड़े हुए । उनकी मुस्कुराहट को रिस्पांस देने के चक्कर में मैं भी मुस्कुराया तो मुंह में भरा दंतमंजन का झागदार तरल पदार्थ बनियाईन पर टपक कर लाल रंग की लकीर खींचता हुआ बह चला । इस दृश्य को देख कर उनकी मुस्कान और चौड़ी हो गई और मेरी मुस्कुराहट में बेबसी और खीझ झलकने लगी ।

आते ही उन्होंने प्रश्न दागा । ”मैं आपको कैसा लगता हूँ  ?“

मैंने आश्चर्य प्रकट किया और निवेदन किया कि सवेरे-सवेरे ऐसे प्रश्न नहीं पूछने चाहिए। सवेरे-सवेरे ऐसे प्रश्नों को उठाने से सामने वाले आदमी के दिमाग के कलपुर्जे हिल सकते हैं ।

उन्होंने ऐसे मुंह बनाया कि जैसे कुछ सुना ही न हो, फिर बोले ”आप भी सवेरे-सवेरे मजाक शुरू कर देते हैं । मेरा मतलब है कि मेरा चेहरा देख कर आपको कैसा फील होता है ?”

मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मनसुख लाल जिन्हें मैं पिछले 25 साल से हर रोज सुबह-शाम देखता आ रहा हूँ  आज अचानक इनके श्रीमुख में ऐसा कौन सा नया क्रांतिकारी परिवर्तन हो गया कि ये सुबह-सुबह मेरी राय जानने के लिए उतावले हो रहे हैं, जैसे इनका मुंह किसी इम्तिहान में बैठा था और उसका रिजल्ट सवेरे के अखबार में प्रकाशित हो गया हो ।

मैंने गौर से उनके श्रीमुख का निरीक्षण किया और कहा ”पहले जैसा ही लग रहा है । क्या आप रात में मर्दों वाली फेयरनेस क्रीम लगा कर सोये थे ?   कोई अंतर तो मुझे पता नहीं चल रहा है । ये क्रीम-वीम के चक्कर में मत पड़ा करिए । सब साली एक जैसी होती हैं । उलटा जेब के साथ जरूर अनफेयर हो जाता है ।“

अब मनसुख लाल ने चिढ़ते हुए कहा ”आप भी न मिश्रा जी । अरे, अपनी वकीलों वाली खोजी नज़र से देखिए । अच्छा, आप को माथे पर कटे का दो इंच लंबा निशान दिख रहा है ।“

”हां दिखाई दे रहा है ।“ मैंने उत्सुकतापूर्वक जवाब दिया ।

”अब इस कटे के निशान के साथ चेहरे को देखें और बतायें कि कैसे विचार आपके मन उठ रहे हैं ।“

”अच्छे विचार तो नहीं ही उठ रहे हैं दिमाग में ।“ मैंने उत्तर दिया ।

”वहीं तो ।“ वो खुशी में चहके । ”सेक्सी लगता हूं न इस कटे के निशान के साथ ।“

अब मेरे हॅंसी छूट गई । किसी तरह हंसी रोकते हुए मैंने कहा ”ये आप से किसने कह दिया कि चेहरे पर कटे के निशान से कोई आदमी सेक्सी दिखने लगता हे । मुझे तो आप किसी एंगल से सेक्सी पुरूष नहीं दिखाई पड़ रहे हैं ।“

”तो फिर क्या मतलब निकलता है कटे के निशान का ?“ उन्होंने कुढ़ कर पूछा ।

”मुझे तो लगता है कि आप के चेहरे पर ये चोट किसी मारपीट के दौरान आयी होगी या फिर आप कहीं फिसल कर गिर गये होंगें । कुल मिला कर ये कटे का निशान आपकी शरीफ आदमी वाली छवि के अगेंस्ट एविडेंस दे रहा है । अब क्या कहूं आपसे, लुच्चे और शोहदे लगते हैं आप इस निशान के साथ ।“ मैंने अपने दिल की बता आखिर उनसे कह दी ।

वे फिर खुश हो गये, ”यानि की अंत में मैं सेक्सी लगता हूँ  ।“

”ये आपसे किसने कह दिया कि गुंडों की तरह दिखने वाले लोग सेक्सी भी दिखाई पड़ते हैं ? “ मैंने हैरानी के साथ पूछा ।

मनसुख लाल बुरा सा मुंह बनाते हुए बोले ”लगता है आप पेपर ठीक से नहीं पढ़ते हैं। आज के पेपर में एक सर्वे की रिपोर्ट छपी है कि औरतों को वो मर्द सेक्सी लगते हैं जिनके चेहरे पर कटे का निशान होता है । औरतों को लगता है कि ऐसे पुरूष लड़ाकू और जुझारू होते है और पे्रम करने में भी अपने जुझारूपन से उनको निहाल कर देगें।“

मामला क्या था अब जाकर मेरी समझ में  आया ।  ”तब तो आप गलत आदमी से राय ले रहे थे । मुझसे तो आपको क्रिमिनल ओपिनियन ही मिल सकती है । आपको किसी औरत या युवती से पूछना चाहिए था । वे ही मामले की इस नज़रिये से पड़ताल कर सकती हैं । आप भाभी जी से ही क्यों नहीं पूछ लेते हैं । “ मैंने उन्हें राय दी ।

”उसीकी वजह से ही तो ये कटे का निशान माथे पर लिए घूम रहा हूँ । शादी की पहली सालगिराह पर उसने कलछुल खींच कर मारा था । अब उससे पूंछू कि इस कटे के  निशान से क्या मैं सेक्सी दिखता हूँ , तो वह एक निशान और बना देगी चेहरे पर।“ कहते हुए उनका मुंह लटक गया ।

”तब फिर आप किसी दूसरी औरत से राय ले सकते हैं ।“ मैंने सलाह दी ।

”नहीं मिश्राजी, ये सर्वे यूरोप में हुआ है । वहां की औरते खुले दिमाग की होती हैं । यहां किसी से पूछने जाउंगा तो अंत में बहनजी कह कर वापस आना पडे़गा । सेण्डिलें भी पड़ सकती हैं । इसीलिए सोचा क्यों न आपसे ही पूछ कर देखा जाए ।“ उन्होंने निराशा प्रकट की ।

”छोड़िये भी मनसुख भाई, पेपरवालों को तो मसाला चाहिए अखबार रंगने के लिए । अब मेरे चेहरे पर कोई चोट का निशान नहीं है तेा क्या मैें सेक्सी दिखने के लिए अपना सिर फोड़ लूं । घर वाले पागल समझेंगें अलग । रोज एक नया सर्वे छाप देते हैं पेपर में, इनके चक्कर में पड़ेंगे तो किसी दूसरे चक्कर में पड़ने के लायक नहीं रहेंगें।“ मैंने उन्हें बहलाना चाहा ।

जैसे तैसे समझा बुझा कर मनसुख लाल जी को घर भेजा । लेकिन मित्रों, कोई भी आदमी हो, अभी ठीक से नींद की खुमारी गई भी नहीं कि सवेरे-सवेरे ऐसी खबरें पढ़ कर आदमी का दिमाग काबू से बाहर नहीं होएगा तो और क्या करेगा । अब इस सर्वे को पढ़ कर मेरे शहर के आशिक मिजाज लड़़के चेहरे पर चाकू से चीरा न लगाने लगें तो कहियेगा । कल कोई सर्वे निकाल देगें कि चिकनी चुपड़ी खोपड़ी वाले आदमियों में सेक्स अपील ज्यादा मात्रा में होती है, तब तो राकेश रोशन का हेयर स्टाईल नेशनल हेअरकट का दर्जा प्राप्त कर लेगा । भई सवेरे सवेरे क्यों अखबार वाले हम लोगों के दिल  के  साथ खिलवाड़ करते हैं । अच्छी बात नहीं है ये । दूसरी मुसीबतें क्या कम है कि सर्वे के नुकीले तीर लेकर अखबार वाले हल्ला बोल देते हैं और उसके बाद लोग अपने आप को शीशे में घूरना शुरू कर देते हैं । खुदा बचाये इन सर्वे करने वालों से और सर्वे छापने वालें से ।

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