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शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

गंगा मैया को चढ़वा

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बात कुछ महीने पुरानी है । बिहार में गंगा नदी के घाट पर नहा रहे कुछ लोगों के पांव में कोई चीज टकरायी । नहाने वाले ने टटोलकर इस ठोस चीज को बाहर निकाला तो वह कार्बाइन बंदूक निकली । घाट पर कार्बाइन देखकर हड़कंप मच गया । पुलिस को घबर दी गयी । पुलिस ने मौके पर आकर कार्बाइन अपने कब्जे में ले ली ।

एक स्नानार्थी ने पुलिस की ओर अजरज से देख, -साहब, गंगा मैया की रेत में  कार्बाइन छिपा कर रखी गयी थी । इसका क्या मतलब हो सकता है ? ‘पुलिस अधिकारी मुस्कुराया, ‘वह जमाना गया जब श्रद्धालु गंगामईया को सोना, चांदी, सिक्का और पियरी चढ़ाते थे । इक्कीसवी सदी कें बाहुबली मईया को कार्बाइन चढ़ाते हैं । मईया तो सबके पाप धोती हैं । उन्होंने भी अपने पाप मईया के आंचल में डाल दिये ।’

स्नानार्थी जोर से हंस पड़ा, ‘ ठीक ही तो है । एक कार्बाइन चढ़ायेंगे तो अगले जन्म में उन्हें सौ असाल्ट राइफलें मिलेंगी । जंगलराज कायम रखने के लिये अब यही दान पुन्न बचा है ।

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