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शनिवार, 18 नवंबर 2017

भारतीय क्रिकेट टीम के ठाकुर साहेब

लीजिए मित्रों, दांबुला में हमारे शातिर कप्तान ठाकुर साबेह ने वनडे मैंचों में जीत का छक्का लगा दिया । अब आप कहेंगें कि ठीक है मिश्रा जी । लौंडे अच्छा खेल रहे हैं लेकिन अब आप भी क्रिकेट की हार जीत पर व्यंग्य लिखने लगेंगे तब स्तरीय व्यंग्य कौन लिखेगा । जवाब है – अपने अलोक पुराणिक भाई साहेब जब लगे हुयें हैं व्यंग्य का स्तर ऊपर उठाने में तो मैं जरा छोटे मोटे काम निपटा लेता हँू । और मित्रों, बच्चा लोग जब दम लगा कर जीत रहे हैं तो उनका मोरल सपोर्ट करना भी तो जरूरी है, नहीं तो डिमोरलाईज़ भी हो सकते हैं छोरे । है कि नहीं ।

तो भाई लोगों, जैसे सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के गॉड हैं, बकौल राहुल द्रविण सौरभ गांगुली से अच्छा ऑफ साईड में सिर्फ भगवान जी ही खेल सकते हैं (हालांकि यमुना किनारे श्रीकृष्ण क्रिकेट खेल रहे थे या वॉलीबाल इस बारे में पुराण चुप्पी मार जातें हैं और पुराणों का यह पिन ड्रॉप साइलेंस भारत में क्रिकेट के प्राचीन इतिहास के साथ सरासर नाइंसाफी ही है), राहुल द्रविण दि ग्रेट वाल हैं (हालांकि अब इस ग्रेट वॉल का पलस्तर उखड़ने लगा है), युवराज हमारे सिक्सर किंग है, सहवाग भाई तो नज़फगढ़ और मुल्तान दोनों जगह कि सुल्तानी संभाले हुए हैं, लक्षमण वेरी वेरी स्पेशल हैं तो अब धौनी को भी कोई उपाधी दे देनी चाहिए । देखिए भारत सरकार भी उनको कईयो ठो रत्न–वत्न दे चुकी है । तो मैंने विचार कर उनका नाम ‘ठाकुर साहेब‘ रखा है । क्यूं ठीक है न? सिंग साहेब उतना जंचता नहीं है । ‘ठाकुर साहेब‘ में अपने आप ठकुरैती झलकती है । अभी हाल ही में पीटरसन लल्ला और रिकी पंटर भी ‘ठाकुर साहेब‘ की ठकुरैती का शिकार हो गये । पीटरसन ने जाते ही इस्तीफा लिख मारा । रिकी पोंटिंग इस्तीफे के पहले थोड़ा और ज़लील होना चाहते हैं । लतखोरों की बात ही निराली होती है ।

तो मित्रों, देखिए ज़रा, श्रीलंका वाले भी मेन्स क्रिकेट टीम में महेला को कप्तान बनाये हुए हैं । चलिए छोड़िये, जो लंका वालों को ठीक लगे, हमे तो खेलने से मतलब है । सो सयाने जहीर और गबरू जवान इंशात ने एक-एक रन को तरसा दिया लंकाईयों को । बड़ी मुश्किल से 247 रन बना पाये । वो तो बूढा शेर जयसूर्या टिक गया था नहीं तो वो भी नहीं बनते । इधर बैटिंग में सचिन के गलत आउट देने के बाद गंभीर ने सीरियसली बैटिंग की और यू पी के छोरे रैना के साथ 100 रन से ज्यादा की पार्टनरशिप निभा दी । युवी ज्यादा रन नहीं बना सके तो उसकी कसर ठाकुर साहेब ने और रोहित ने पूरी कर दी । भली बात ये हुई कि दो महान ठग मुरलीधरन और अंजता मेंडिस का जादू ठाकुर साहेब के सामने नहीं चल पाया । तीसरे पॉवरप्ले में दोनों ज़हरखुरानों की जमानत जब्त करा दी ठाकुर साहेब ने । रोहित छोरे ने भी बड़े साहस का परिचय दिया और भारत को लगातार छठी जीत दिलवादी । सो श्रीलंका में बोहनी अच्छी हो गई है । उम्मीद तो यही है कि सिरीज जीत कर ही ठाकुर साहेब लौंटेंगे । सही बतायें तो रोज़ रोज़ आतंकवाद और मंदी की खबरे टीवी पर देख देख कर ऊब लगती है । वही हर शाम पाकिस्तान, जरदारी, लश्करे तोयबा, ओबामा, अमरीका, मिसाईल हमला सुन-सुन कर कान पक गये हैं । ऐसे में धौनी की जीत एक नई बयार ले कर आती है । वैसे बड़ी अक्ल लगाकर कप्तानी करते हैं ठाकुर साहेब । मुला क्रिकेट न हुआ शतरंज हो गया । जो भी हो, अब झलकता है कि इंडियन क्रिकेट टीम जीतने के लिए खेलती है, व्यक्तिगत रिकॉर्ड तो फिर भी बनते रहेंगें ।

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