काम ऐसे करो कि लोग आपको….

किसी दूसरे काम के लिए बोले ही नहीं….

रविवार, 19 नवंबर 2017

परोपकारी जूस वाला

मित्रों, खोपड़ी उठा कर जहां तक नजर जाये वहां तक ताकिये । आपको हर दिशा में तारणहार नजर आयेंगे । जन्माष्टमी करीब है इसलिये ऐसा मत सोचियेगा कि मेरी बुद्धि कृष्णमय हो गयी है और धर्म की स्थापना के लिये मैं इस युग के कल्कि अवतार की बाट जोह रहा हूं । मेरा मतलब उन तारणहारों से है जो कि आपकी छटपटाती आत्मा को मल-मूत्र की गठरी इस देह से मुक्त करने के लिये लगातार श्रम करते रहते हैं । फिर चाहे अदालत उनको आजीवन सश्रम कारावास से ही क्यों न पुरस्कृत करे । नकली दवा बनाने वाले, यूरिया से दूध और खोआ बनाने वाले, नकली मसाले बनाने वाले, फलों और सब्जियों को आक्सीटोसिन का इंजेक्सन खोंसने वाले । सरसों के तेल में यूज़्ड मोबिल आयल मिलाने वाले । घी में जानवरों की चर्बी मिलाने वाले । लंबी फेहरिस्त है इनकी ।

हमें और हमारी सरकार को इन परोपकारियों का एहसान मानना चाहिये । इन कर्मवीरों की ही वजह से मंहगाई पर रोक लगी हुयी है । अगर ये पुण्यआत्मायें अपना खोजी दिमाग न भिड़ायें तो सामानों की कालाबाजारी के कारण रेट राकेट हो जायेंगे । इसके अलावा क्या आज आप शुद्ध दूध पचा सकते हैं । नहीं । आज आप कोई भी शुद्ध चीज खायेंगे तो उसको हजम करने में आपका हाजमा पों बोल जायेगा । ये भलेमानुस हमारे स्वास्थ्य की रक्षार्थ ही खाद्य पदार्थों में मिलावट करते हैं । ये देशसेवा भी करते हैं क्योंकि इनकी वजह से जनसंख्या वृद्धि पर कुछ हद तक अंकुश भी लगा रहता है । लेकिन सरकार इनको नकली दवा बनाने के जुर्म में सूली पर चढ़ाने को तैयार है । लो जी, ये भी कोई बात हुयी] लापरवाह, सुस्त और गलत सरकारी नीतियों के कारण रोज हजारों लोग बेमौत मारे जाते हैं तब तो कोई चिल्ल पों नही होती है और सरकार का ही हाथ बंटाने के जुर्म में इन संतों को कैद और फांसी की सजा । ईसा मसीह और सुकरात वाली कंडीशन हो गई है यारों की ।

इस मामले में सरकार को नकली शराब बनाने वालों का ऋणी होना चाहिये । इनका मुकाबला सल्फास बनाने वाले भी नहीं कर सकते । आप चाहें तो आजमा कर देख लें । पहले दो गोली सल्फास की पानी के साथ गटक लें । थोड़ी देर टहल लें । कुछ न होगा । रात का खना खा कर सो जायें । सवेरे पाखाने में आपको पेट के कीड़े सुसाइड किये पड़े दिखेंगे । 2-4 महीने पेट ठीक से साफ होगा । अब आप किसी शराब के ठेके पर जाकर एक पन्नी या दो -तीन चुग्गड़ दालमोठ के साथ सिप करिये । इधर आपने अंतिम घूंट मुंह में लिया उधर पी-पां करती एम्बुलेस से स्ट्रेचर लिये दो आदमी उतरे । एकदम क्विक सर्विस है हौली वालें की । वो भला आदमी नहीं चाहता कि आपके प्राण पखेरू आपके शरीर को सड़क पर लावारिस छोड़ कर पोलो ले लें । उसने अपना राष्ट्रीय फर्ज नकली दारू पिलाकर पूरा किया तो क्या अब वो अपने सामाजिक उत्तरदायित्व से मुकर जायेगा । हर्गिज नहीं । ये एम्बुलेस आपकी डेड बॉडी को आपके परिवारवालों के हवाले कर के ही लौटेगी । कलेजा मजबूत कर लीजिये, अभी इसी छाती पर आपकी मेहरारू को अपने सुहाग की चूड़ियां तोड़नी हैं ।

अब आप कहोगे, मिश्राजी काहे को डरा रहे हैं । हम तो शराब को हाथ भी नहीं लगाते । स्कॉच, व्हिस्की, वोदका, जिन वगैरह बस मुंह लगाकर छोड़ देते हैं । आपको अगर दारू से डर लगता है तो फलों का जूस पिया करो ।

वही बता रहा था मित्रों । पिछले सप्ताह किसी काम से चौक गया था । उस दिन लोकनाथ की मलाई मार के ठंडी मीठी लस्सी नहीं पी पाया । घंटाघर से जानसेनगंज की तरफ बढ़ रहा था कि एक बोर्ड पर नजर चिपक कर रह गयी । मुसम्बी और अनार का जूस मात्र 5 रू. गिलास । पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ । सपना नही देख रहा हूं इस लिये पैर का अंगूठा मोटरसाइकिल के गर्म साइलेंसर पर रख दिया । अंगूठे ने तड़प कर कहा “अबे पण्डित! जीभ के लिये मुझे क्यों जला रहे हो ।” मैं होश में आया और उस परोपकारी जूस के ठेले पर पहुंचा । इस मंहगाई के जमाने में 5रू. गिलास अनार का जूस पिलाने वाले उस संत को प्रेम में डूबी निगाहों से बरबस निहारता रहा । जब दस मिनट से ज्यादा हो गये तो उस करूणामयी ने पहले तो अनार के रस के छींटे मेरे धूप से कुम्हलाये मुख पर मारे और फिर एक बड़ा गिलास सुर्ख लाल रंग के अनार रस का मेरी तरफ बढ़ा दिया । मैं प्यासा दो बड़ी गिलास अनार के जूस की पीकर तृप्त हुआ । उस परोपकारी को मुद्रा पकड़ाई । मोबाइल से उसके ठेले का फोटू खींचा और घर वापस आ गया ।

घर आकर तीन दिन तक उस दीनबन्धु जूस वाले की याद पेट में लगातार बनी रही क्योंकि जूस पीने के कुछ देर बाद से ही पेट में तेज जलन शुरू होगयी और लगातार तीन दिनों तक पेशाब में कत्थई रंग की धार निकली । एक सप्ताह नींबू शहद पानी पिया तब जाकर आराम मिला । बाद में पता चला कि वो दयालु जूसवाला जूस में कलर मिलाया करता है । इसके अलावा वह और कौन-कौन से दिव्य पौष्टिक तत्वों का मिश्रण करता है, ये खोज का विषय है । लीजिये आप भी उस परोपकारी का दर्शन कर लीजिये । कहीं ऐसे परोपकारी आपके बगल में भी तो जनकल्याण का ठेला नहीं लगाते । जरा होशियार रहियेगा ।

>=>अबे झूमरवा, कित्ता कलर मिक्स करता है बे । जब हमरा कलर ही रेडिश हो गया तब पब्लिक का क्या हाल होता होगा । अब समझ में आया क्यों इस तरफ आजकल मेरे कू ओवरटाइम करना पड़ रहा है । लगता है इस साल का बेस्ट हत्यारा अवार्ड यमराज साहब के हाथ से तुझी को मिलेगा । =>

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