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कल की बात पुरानी : भाग -1
पृथ्वी पर तीन रत्न हैं – जल, अन्न और सुभाषित । लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकडों को ही रत्न कहते रहते हैं । – संस्कृत सुभाषित ब...
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मित्रों, हास्य नाटक के इस पेज पर सबसे ज्यादा हिट्स आती हैं. नेट पर हास्य नाटक की स्क्रिप्ट वैसे भी कम है. बहुत से विद्यार्थी जो की स्कूल क...
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बाजार का सीन गुब्बारे वाला, चुरमुरे वाला, हींग,इलाइची, लौंग, हल्दी, धनिया, गरम मसाले वाला, सड़क पर कपड़े बेचने वाला, फलवाला, सब्...
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(घर की छत के ऊपर से हवाई जहाज के उड़ने की आवाज, अखबार पलटने की आवाज।) गेंदा सिंह- अरे शकुंतला सुनती हो । जरा इधर आना । शकुंतला – क...



चाट की दुकान पर दो सांवले दंपत्ति बैठे फुल्कियाँ भकोस रहे थे । महिला चटकीली साड़ी में और लिपिस्टिक का इस दर्शन के साथ कि जितनी है आज लगा ली जाये, लपेटे बैठी है और तीव्र वेग से फुल्कियाँ ग्रहण कर रही है । फुल्की का पानी होठों से लिपिस्टिक का प्लास्टर उखाड़ता हुआ नीचे की ओर बह रहा है । पतिश्री चाट वाले से बहस कर रहे हैं । ”आठ फुल्की अभी नहीं हुई हैं, सात ही खिलाई हैं । एक और दो ।” और फिर दोनो पक्षों द्वारा गणना में हुई गलती का विश्लेषण किया गया और गणना की पध्दत्तियों को सार्वजनिक रूप से दुत्कारा गया ।
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