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शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

मोबाइल को समर्पित एक दिन

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शहर की यातायात पुलिस इन दिनों अपने पुराने पापों का प्रायश्चित कर रही है । अभियान चलाकर आटो वाहनों की चेकिंग और शिक्षण संस्थाओं में छात्रों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने में पुलिस का काफी वक्त खर्च हो रहा है । इसी दौरान चलती मोटर साइकिल पर मोबाइल से बात करते हुए एक युवक को सिवलि लाइन्स के पास ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया ।


ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने सख्त आवाज में कहा ‘ड्राइविंग लाइसेंस हमारे हवाले करिये । आपकी गाड़ी का चालान होगा ।’ युवक ने जुबान पर मक्खन का लेप गाढ़ा करते हुये कहा ‘सॉरी सर पहली गलती है, माफ कर दीजिये ।’ अधिकारी ने छूटते ही कहा ‘अफसोस है कि आप अभियान के दौरान पकड़े गये हैं, इसलिये आपका चालान तो करना ही पड़ेगा । आज हमें कोटे में बीस मोबाइल वाले वाहन चालकों का चालान एलॉट है । सुबह से आपको लेकर सिर्फ तीन हुये हैं। दोपहर होने को आयी है, पता नहीं बीस मोबाइल वाले मिलेंगे या मुझे शाम को फटकार सहनी पड़ेगी ।’

युवक ताव खा कर बोला ‘आपको टेम्पो में भूसे की तरह भरी सवारियां नजर नहीं आ रही है, विक्रम चलाने वाले चौदह साल के लड़के नहीं दीखते हैं, मिनी बस की खिड़कियों पर दूध के कंटेनर नहीं दीखते हैं । सबको छोड़ कर मेरा छोटा सा मोबाइल क्यों नजर आ रहा है ।’

अधिकारी मुस्कुरा कर बोला ‘आप खांमखा बहस कर रहे हैं । मैंने कहा न, आज का दिन मोबाइल के नाम दर्ज है ।

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