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रविवार, 19 नवंबर 2017

सिठौरा एक पौष्टिक आहार



आज आप किसी भी राह चलते आदमी से पूछिये कि भाई साहब आज भारत की सबसे बड़ी समस्या क्या है ? वह कहेगा ‘बढ़ती हुई आबादी ।’ फिर आप उससे एक व्यक्तिगत प्रश्न पूछिये ‘आपके कितने बच्चे हैं ? तो वह कहेगा ‘हम 6 भाइयों में 22 बच्चे हैं ।  भारत पर एहसान किया । 1962 में चीन ने हमको धोया था । उसी का गम खाये जा रहा है । पहले चीन से ज्यादा आबादी करेंगे फिर उससे निपटेंगे । चीन से निपटने के पहले इतनी आबादी खुद अपने 0आप को ही धो देगी । न रहने को जमीन होगी । न खाने को अन्न ।

मित्रों, बढ़ती हुई आबादी के क्या कारण हो सकते हैं ? अशिक्षा, भगवान की देन, जितने बच्चे होंगे उतना अधिक कमायेंगे, चाहे परवरिश के आभाव में एक तिहाई ही बचें । गरीबी, जो कि शिक्षित होने में बाधा है । धर्म जैसी कि इस्लाम में मन्याता है नियोजन के बारे में । इतने कारण तो आप गिना सकते हैं पर एक कारण मैं और गिनाना चाहूंॅगा । सिठौरा ।

खाया है आपने कभी ? बड़ा माल पड़ता है इसमें । सूपर टाॅनिक है । जचगी के बाद महिलाओं को खिलाया जाता है । हेल्थ का स्तर ऊपर उठाने के लिये । ये लेख में दो साल पहले लिखना चाहता था । क्योंकि तब विमला को चैथा बच्चा हुआ था । परसों छठा भी अवतरित हो गया । विमला मेरी महरिन का नाम है । माता श्री की बेस्ट फेंड हैं । मोहल्ले की सारी खबर ‘विमला टाईम्स’ और ‘विमला सांध्य समाचार’ दोनो वक्त अपनी बहुमूल्य राय के साथ प्रसारित करती है । इसके लिये उन्हें महीने में कभी भी और कितना भी एडवांस दिया जाता है ।

पिछले चार साल से देख रहा हूॅं कि विमला हर साल डेढ़ महीने की मेट्रीनिटी लीव  लेकर ही रहती है । कारण बताने से पहले एक खबर बता दूॅं जो कि पांच-छः महीने पहले अखबार में पढ़ी थी । इटावा से करीब 40-50 किलोमीटर दूर बीहड़ में एक गांव की महिला ने अकेले अपने दम पर 22 बच्चे पैदा किये हैं । पति का हार्दिक सश्रम सहयोेग तो था ही । उसके पति से पत्रकार ने अगली कार्यवाई के लिये पूछा तो अपनी अर्धंागिनी के स्वास्थय को लक्षित करते हुये उन्होंने आगे 2-3 बच्चों की उम्मीद और बताई । महिला से परिवार नियोजन आदि के बारे में पूछा गया तो उसने पहले तो इस चिड़िया के विषय में पूछा कि क्या ये एक बार में 22 अंडे दे सकती है । बाद मे विस्तार से बताने पर उन्होंने सरकार पर रोष प्रकट किया कि पहले बताया होता तो इतने न पैदा हुये होते । कोई सरकारी आदमी इस गांव तक नहीं पहुंॅचा है क्योंकि सड़क यहाॅं से पांच किलोमीटर पहले ही खत्म हो जाती है ।

मेरा सरकार को सुझाव है कि पहले बारहवीं या पंद्रहवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत सड़कें सभी गांवो तक पहुंचाई जाये और फिर परिवार नियोजन के सरकारी अधिकारी जीप समेत गांवों तक पहुंॅचेगें और गांववासियों को बढ़ती हुई आबादी के खतरे से सावधान करेंगें । लाल तिकोन जिंदाबाद ।

तो मैं  सिठौरा और विमला का रिश्ता बता रहा था । जैसा कि विदित है माता जी विमला जी से अत्यंत स्नेह करती हैं । स्नेह करने का कारण है । पिछले  8 साल में विमला 32 घर छोड़ चुकी होगी पर हमारे यहां बरकरार है । वजह दोनोे में अच्छी ट्यूनिंग है । खूब पटती है । पारिवारिक से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं तक जिनमें मोहल्ले की समस्यायें भी शामिल होती हैं सब पर बारी बारी से गहन विचार विमर्श किया  जाता है । इस बीच विमला जी बर्तन मांजने का पार्टटाईम जाॅब करती हैं और मम्मी विमला के लिये चाय और उसके बच्चों को रात का बचा खाना देती हैं । ऐसे संबंध है जैसे भारत और रूस के बीच प्रगाढ़ मित्रता है । दोनो टेम दोनो में खूब छनती  है ।

विमला को जब भी उम्मीद टाईप कुछ लगता है बस परम कृपालु माता श्री उसको 2 किलो सिठौरा बाॅंध कर पहुॅंचा देती है । सिठौरा अंदर और विमला टनाटन । दस दिन में सेहत पर आ जाती हैं । मेट्रीनिटी लीव के दौरान विमला की बड़ी लड़की एक टाईम बर्तन मांज जाती है । वो भी सिर्फ हमारे यहाॅं । सिठौरा का ख्याल रखा जाता है । विमला पति जब विमला को टनाटन देखते होंगे तो सोचते होंगे अभी भी दम है इस में । इसी दम पर दुनिया कायम है । दोनो अपना अपना दम परखते हैं और सिठौरा विमला को दमदार बनाता रहता है । अफसोस भारत का मिलेनियम बेबी अगस्त में पैदा हुआ ।

मेरा सरकार को एक अमूल्य सुझाव है और सरकार को अगर अमूल्य शब्द पर आपत्ति हो तो वो मुझको घोटालों की कुछ रकम दे सकती है, कि इस कंबख्त सिठौरे पर प्रतिबंध लगा दिया जाये । आबादी का कारण न  तो अशिक्षा है और न ही भगवान । कारण है सिठौरा ।    इतनी ज्यादा पौष्टिक चीजें भारतवासी खायेंगे तो इस ऊर्जा का उपयोग अंत में मियां बीवी एक दूसरे का दम परखने में करेंगे और आफत बाद में बेचारे चीन की आयेगी । आज भारत माॅं के एक अरब लाल और लल्ली हैं । कल डेढ़ अरब होंगे । कहाॅं रहेंगे ? हिंद महासागर में ?   क्या खायेंगे?    मिट्टी ? क्या पहनेंगे ? हवा ?

जेई लिये भारत सरकार से कहता हॅंू , लाल तिकोन के पोस्टर लगा कर देख लिया। कुछ नहीं हुआ । बस अब सिठौरा पर प्रतिबंध लगा दो । भारतवासियों से टी.वी. पर, रेडियो पर, अखबारों से अपील करो सिठौरा मत खाओ । मत सेहत बनाओ । नहीं तो भुगतो । युवतियांॅ जबरदस्त डाईटिंग करें कि दम ही न रहे और सारा जोश ठंडा हो जाये । आई हेट सिठौरा । से नो टू ड्रग्स, से नो टू सिठौरा ।

( अगस्त 2002 में विमला की बड़ी बेटी टाइफाईड से खत्म हो गई । उसके एक साल बाद विमला भी लंबी बिमारी के बाद खत्म हो गई । तीन साल हुये वह दूर दूसरे मोहल्ले में रहने लगी थी । )

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