काम ऐसे करो कि लोग आपको….

किसी दूसरे काम के लिए बोले ही नहीं….

मंगलवार, 21 नवंबर 2017

कारगिल युद्ध भाग : 1

मई के महीने में दो सिरीज एक साथ शुरू हुयी । एक क्रिकेट वर्ल्डकप सीरिज दूसरी कारगिल सिरीज । इंडियन क्रिकेट टीम को शुभकामनायें मल्टीनेशनल मिलीं । होंडा वालों ने बलायें लीं, इधर अफ्रीका ने बोहनी बुरी कर दी । एल. जी. वालों की दुआयें लगी जिम्बाब्वे ने धो दिया । विल्स का आशीर्वाद मिला आस्ट्रेलिया ने पटरा कर दिया । वर्ल्डकप जीतने के लिये पेप्सी नहीं लस्सी पीनी चाहिये । आ हा ।

इधर कारगिल सिरीज में कोई मल्टीनेशनल स्पॉन्सर नहीं था । भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों की मिट्टी पलीद कर दी । ऐसे मामलों में सिर्फ हम भारतीयों की दुआयें ही बहुत हैं । स्वदेशी का जमाना है । नवाज भाई अपने घर का कचड़ा इधर मत डाला करो । कश्मीर कोई हज करने की जगह नहीं है कि भई गंगा नहाने गये थे वहीं मर गये तो स्वर्ग पक्का । तुम्हारे यहाँ जनसंख्या ज्यादा हो गई हो तो सल्फास पर सब्सिडी दे दो । उँही खाये खाये मरा करें । फालतू में हमारी गोलियों का क्यों नुकसान करवाते हो । अटल जी की बस यात्रा के बस में नहीं है कि तुमको समझा सकें । तुमको समझाने के लिये तो सुखोई, मिराज ले कर आना पड़ेगा । लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं ।

इमरान खान भी बुध्दिमानी की बात कर लेते हैं । बबुआ कहत रहा कश्मीर समस्या सरहद पर नहीं पिच पर सुलझानी चाहिये । मैनचेस्टर में भारतीय टीम ने अकरम पहलवान का नाड़ा ढ़ीला कर दिया । इमरान म्याँ अब कश्मीर कश्मीर मति चिल्लइयो ।

हमारे अमन पसंद पड़ोसी पाकिस्तानियों का इतिहास कुछ कमजोर है । गरीब देश है, वहाँ कि कौम पढ़-लिख नहीं पाती है । कह रहे थे नियंत्रण रेखा ठीक से निर्धारित नहीं है । जो कि शिमला समझौते में बकायदा बतायी गयी है । कोई बात नहीं । 71 के बाद से कोई क्लास नहीं ली है न । अब की जायेंगे तो नियंत्रण रेखा ईरान के बार्डर से नाप आयेंगे । अटल जी गलत कहते हैं कि पड़ोसी बदले नहीं जाते हैं । हमारा नया पड़ोसी ईरान होगा और इस्लामाबाद पर तिरंगा लहरायेगा ।

हमारे जासूसों ने पाकिस्तान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ मुहम्म्द अजीज और सेनाध्यक्ष मुशर्रफ के बीच टेलीफोन पर हुयी बातचीत टेप कर ली थी । उसके बाद हमारे जासूसों ने नवाज शरीफ और सरताज अजीज की भी टेलीफोन पर हुयी एक महत्वपूर्ण बातचीत को टेप कर लियाद्व पर उस बातचीत को गुप्त रखा गया । वह महत्वपूर्ण बातचीत यहाँ पर दी जा रही है ।

शरीफ : हेलो, सरताज अजीज । मैं शरीफ बोल रहा हँ । पैकिंग हो गई ।
अजीज : क्या शरीफ मियां, मैं ही मिला था भारत भेजने को । जब से सुना है दस्त शुरू हो गये हैं । आप तो मेरा मेडिकल सर्टिफिकेट ले लो । मैं कहीं नहीं जाऊंगा ।
शरीफ : क्या बकवास कर रहे हो । अमेरिका से चार बार फोन आ चुका है । अन्तर्राष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है बातचीत के लिये । तुम्हारा नाम पक्का हो चुका है । तुम्ही जा रहे हो ।
अजीज : मैं नहीं जाऊंगा । नहीं जाऊंगा । मैं इस्तीफा देता हूँ । मेरे बड़े बड़े बच्चे हैं । मुझे कुछ हो गया तो वो बेचारे तो भूखों मर जायेंगे और क्या जरूरत थी मुझसे पहले वो छ: सैनिकों की लाशें भेजने की । अगर उन्होंने मेरे नाक कान उखाड़ लिये तो मैं सुनूंगा कैसे और सांस कैसे लूंगा ।
शरीफ : वो लाश मैने नहीं भिजवाईं थीं । वो तो कम्बख्त जनरल के बच्चे ने भेज दी । चला जा मेरे सर के ताज । चला जा यार, तेरे हाथ जोड़ रहा हँ । चला जा भाई वरना ये जनरलवा मुझ को ही ठेल देगा ।
अजीज : मैं किसी कीमत पर नहीं जाऊंगा ।
शरीफ : नहीं जाओगे तो तुमको भारत में पाकिस्तान का राजदूत बना दूंगा । अजीज : अच्छा धमकी देते हो तो चला जाता हँ पर सुबह जाऊंगा और शाम को वापस भाग आउंगा । रूकुंगा एक दिन भी नहीं ।
शरीफ : अरे यार तू जा तो, तेरे को रिटर्न टिकट फ्री दे रहा हँ ।
अजीज : जा तो रहा हँ पर बात क्या करूंगा ?
शरीफ : बात वात कुछ नहीं करनी है । तुम जाना और सुबह 2-3 घंटे गुसलखाने में ही लगा देना । बैठक में देरी से पहुँचना । फिर जब बातचीत शुरू हो तो मौसम की बात करना । जसवंत का हाल चाल पूछना । अगर वह घुसपैठ की बात करे तो कहना कश्मीर में आज कल मौसम बहुत सुहावना है इसलिये कुछ लोग बिना पासपोर्ट के घूमने चले गये होंगे । टूरिस्ट वगैरह हैं । घूम टहल कर वापस आ जायेंगे ।
अजीज : अगर वह नियंत्रण रेखा के बारे में पूछे तो क्या जवाब दूंगा ।
शरीफ : कह देना शिमला समझौते वाली फाइल कहीं खो गई है, जिसमें नियंत्रण रेखा की स्थिति बताई गई है । इसलिये हम अपनी टीमें भेज कर पुरानी नियंत्रण रेखा को ढूंढ़ रहे हैं ।
अजीज : वो जसवंत बोलेगा कि वो भी अपनी सेना लगा कर हमारी मदद कर रहा है । तब ? और उन छ: सैनिकों की लाश के बारे में पूछेगा तो क्या जवाब दूंगा ।
शरीफ : अमां तुम बोलते बहुत हो । अगर वो ये सब पूछने लगे तो तुम दस्त का बहाना कर के बैठक जल्दी खत्म कर देना ।

पाकिस्तान सरकार को दस्त आने शुरू हो गये होंगे क्योंकि उसके बॉस अमेरिका और चीन भी हाथ झटक कर खड़े हो गये हैं इधर हमारे जवान उसके सिर पर चढ़ते जा रहे हैं । पाकिस्तान तो उधार की रोटी खाता है । सीमा पर पटाखे छोड़ने के लिये शरीफ और पाकिस्तानी सेना को पूरा पाकिस्तान गिरवी रखना पड़ेगा । ऐसी दिवाली उनका दिवाला जल्दी ही निकाल देगी । भगवान न करे कि पाकिस्तान चौथा युध्द घोषित कर दे । पर अगर अबकि युध्द हुआ तो या तो बंग्लादेश की पूरी एक श्रंखला बना देंगे या फिर बावन साल पहले नेहरू द्वारा की हुयी गलती को ही सुधार देंगे । कम्बख्त पाकिस्तान भारत का अभिन्न अंग है । और अंत में सलाम है उन सब शहीदों की वीरता को जिनका आज प्रत्येक भारतीय ऋणी है ।

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले ।
वतन पर मरने वालों को यही आखिरी निशां होगा ।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कल की बात पुरानी : भाग -1

पृथ्वी पर तीन रत्न हैं – जल, अन्न और सुभाषित । लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकडों को ही रत्न कहते रहते हैं । – संस्कृत सुभाषित   ब...