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शनिवार, 18 नवंबर 2017

खाना खजाना : जायकेदार गाजर का हलवा

Carrot_lineगाज़र का हलवा किसे नहीं अच्छा लगता । फिर चाहे वह लाल गाजर का हो या फिर काली गाजर का । दोनों ही तरह की गाजर का हलवा जायकेदार होता है । गाजर के हलवा में कई माल पड़ते हैं जैसे एक माल तो खुद गाजर ही है । फिर उसे शुद्ध दूध में उबाला जाता है । बढ़िया दानेदार खोआ डाला जाता है । शुद्ध देशी घी पड़ता है । फिर टॉपिंग के लिये मेवे कतर के डाले जाते हैं जो सजावट के साथ स्वाद भी दुगुना कर देते हैं । महीन कतरे हुये काजू, बदाम, तरबूज के बीज, किशमिश वगैरह । उसके बाद जब एक कटोरी गरम हलवा हाथ में लेकर पहला चम्मच मुंह को र..वाना होता है, उस पल के क्या कहने । कब एक कटोरी गाजर का हलवा खतम हो जाता है पता ही नहीं चलता । दूसरी कटोरी की पापी इच्छा आपके मन में पैदा होती है उसी वक्त मेहरारू का सरकारी गजट वाला आदेश पारित होता है जिसे आप अध्यादेश की तरह सिर झुकाकर मान लेते हैं । दूसरी कटोरी गाजर का हलवा खाने की कुत्सित इच्छा का दमन हो जाता है और आपको लगता है सरकार ने एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट का वादा किया था पर सर्विस टैक्स की दर बढ़ाकर नादिरशाही दिखा ही दी ।


इस मंहगाई में गाजर का हलवा, वो भी मेवे मसालों वाला जायकेदार हलवा घर पर बनाना इंकमटैक्स वालों को न्यौता देने के बाराबर है। आजके इस दौर में अगर किसी के घर से सवा किलो प्याज निकल जाये या फिर पड़ोसी मुखबरी करदें कि आपने दो कटोरी काले गाजर का हलवा खाया है, घर में पका कर तब, या तो इंकमटैक्स की रेड पड़ेगी या फिर दशहरे, होली, नवरात्रि का चंदा मांगने वालों के रेट हाई होंगे । दोनों ही सूरत में आपको हलवा भारी पड़ने वाला है । तब क्या किया जाये । सस्ता और टिकाऊ रास्ता क्या हो सकता है । या फिर मान लीजिये कि मंहगाई डायन केजुएल लीव पर गयी हुयी है और गाजर का हलवा आप घर पर बनाना अफोर्ड कर सकते हैं लेकिन बीवी एफोर्ड नहीं कर सकते । बनाना आता नहीं है और भैंस के पनियल दूध में गाजर उबाल कर खाना कभी गाजर का हलवा खाने की फीलिंग नहीं दे सकता है । तब । सीधा, सस्ता और टिकाऊ रास्ता सिर्फ आपके लिये ले कर आया हूँ ।


Carrot_jumpsपड़ोस की भाभी जी जिनके यहॉं आपने पिछले साल गाजर का हलवा खाया था पर कटोरी का साइज आपको न भाया था । इसपर आप मन मसोस कर रह गये थे । खैर । विंटर सीजन चल ही रहा है । गाजर भी मार्केट में उपलब्ध है । बस खिलाने वाले की कमी है । यह ट्रिक आजमा कर देखिये । दस रूपये की चॉकलेट दुकान से खरीदिये और भाभीजी के घर का दरवाजा खटखटाईये । 7 साल की डॉली (या फिर पिंकी, चिंकी, रिंकी, रिनी, मिनी, विक्की, राहुल, पुन्नू, चुन्नू जो भी बच्चा हो) को चॉकलेट पकड़ाईये और भाभी जो को झुक कर प्रणाम करिये । महिलायें वैसे तो बड़ी पारखी नजर रखती हैं लेकिन तारीफ की भूखी होती हैं । बस झोंक दीजिये तारीफ के गागर, सागर से भर भर कर । माताजी को तो मुहल्ले में बस एक ही बहू पसंद हैं । दिन में एक बार तो आपकी तारीफ करती ही हैं । “वर्माजी की बहू जैसी बहू मिलना बड़ी किस्मत की बात है । पूरा घर सिर पर उठाये रहती है । हर चीज घर में करीने से रखी मिलती है । धूल का निशान नहीं । कपड़ा पहनने का सलीका तो आजकल की लड़कियों और बहुओं को वर्माजी की बहू से सीखना चाहिये । और खाना तो वो लाजवाब बनाती है कि क्या कहने । अन्नपूर्णा है…….. अन्नपूर्णा ।”

इतनी तारीफ के बाद भाभी जी खुद सोचने लगेंगी की उन्होंने पिछली बार आंटीजी को नमस्कार कब किया था और उन्हें चाय पिलाये कितने साल हो गये । फिर वो आपकी माताजी का हाल चाल पूछेंगी, फिर आपका । लोहा गरम देख कर आपको यही हथौड़ा चलाना होगा । “भाभीजी माता जी की इस बात से तो मैं भी सहमत हूँ कि खाना बनाने में मैंने आपसे बढ़िया हाथ नहीं देखा । या तो माताजी के हाथ का खाना मुझे भाता है या फिर आपके हाथ का । पिछले साल जो गाजर का हलवा आपके यहॉं खाया था, क्या कहने उस हलवे । ये अशोका और ताज वाले क्या बनायेंगे ऐसा हलवा । वाकई संजीव कपूर और तरला दलाल को आपसे सीखना चाहिये । (बस करियेगा वर्ना भाभीजी बेहोश भी हो सकती है, ज्यादा तरीफ भी अच्छी नहीं की इंसान का सिर घूम जाये) ।

मेरे ख्याल से इतना काफी रहेगा . इतनी लागत में आपको गाजर के हलवा का निमंत्रण मिल जायेगा । यह भी हो सकता है कि भाभीजी स्वादिष्ट गाजर का हलवा टिफिन में पैक करके आपके घर ही भेजवा दें या दो तीन दिन के भीतर ही आपको भाभी जी घर बुलाकर (सोनू, मुन्ना, चीकू, रोहित, अब बच्चे का कुछ तो नाम होगा ही) के होमवर्क और प्रोजेक्ट पर डिस्कस करते करते आपके हाथ में एक कटोरी मेवे की परत के साथ गाजर का हलवा पेश कर दें । लीजिये आपके मन की मुराद पूरी हुयी । अब आते हैं गाजर के हलवे की सामग्री पर ।3D_pie


साम्रगी कोयी खास नहीं है ।
1. दस रूपये की चॉकलेट या टॉफी बच्चे के लिये ।
2. तारीफ करना सीखने के लिये इंटरनेट का पैक एंड्रायड मोबाईल के लिए ताकि आप मेरा यह लेख पढ़ सकें । और अधिक सामान नहीं लगेगा । काफी किफायती रेसिपी है ।
खाना खजाना के अगले अंक में मिलते हैं एक और नई रेसिपी के साथ । तब तक के लिये नमस्कार ।

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